RTI Format in Hindi (आरटीआई प्रार्थना पत्र प्रारूप हिन्दी में ) कैसे मांगे और क्या हैं जरूरी सावधानियां ?
RTI Act 2005, दिनांक 13 अक्टूबर 2005 को लागू किया गया था। यह हमें वह अधिकार देता है, जिसे हम सूचना का अधिकार कहते है यह अधिनियम उस प्रक्रिया का उल्लेख करता है कि हम कौनसी सूचना मांगे , कैसे सूचना मांगें, कहाँ से एवं किससे मांगे, कितना शुल्क देना होगा आदि।
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत यदि कोई भी व्यक्ति, कम्पनी अथवा कोई सांस्थाथान/ प्रतिष्ठान, किसी अन्य सांस्था या किसी सरकारी कार्यालय से यदि कोई प्रश्न पूछना अथवा जानकारी लेना चाहता है अथवा किसी मामले में जानकारी लेने के उद्देश्य से प्रश्नों के उत्तर जानना चाहते है, तो वह आरटीआई RTI के माध्यम से जन सूचना अधिकारी से अपने प्रश्नों के उत्तर मांग सकता है। जिस भी सरकारी विभाग या कार्यालय से आरटीआई के माध्यम से प्रश्नों के उत्तर मांगा जाता है तो उन सभी सरकारी विभागों में प्रश्नो के उत्तर हेतु एक अधिकारी नियुक्त किया गया होता है, जिसे हम जन सूचना अधिकारी के नाम से जानते है। जिसका कार्य केवल (आरटीआई) में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देना होता है। उन सभी प्रश्नों के उत्तर जानना हमारा अधिकार है, जिसे हम सूचना का अधिकार भी कहते है।
वैसे तो आरटीआई RTI जब हम किसी विभाग से मांगते हैं, तो हमे प्रार्थना पत्र पर अपना पूर्ण नाम, पता स्पष्ट रूप से लिखना अनिवार्य होता है, क्योंकि जन सूचना अधिकारी द्वारा उत्तर भी आपके दिए गए पते पर ही भेजा जाएगा । आपके द्वारा पूँछे गए प्रश्नों को भी बिंदुवार एवं स्पष्ट रूप से लिखा जाना आवश्यक है, क्योंकि यदि जन सूचना अधिकारी ही आपके द्वारा पूँछे गए प्रश्नों को समझ न सका, कि आप क्या पूछना चाह रहा है तो प्रश्नों के उत्तर दे पाना संभव नहीं हो पाएगा, इसलिए स्पष्ट और साधारण भाषा में अपने प्रश्नों को बिंदुवार लिखना आवश्यक है ।
आरटीआई मांगने के लिये आपको आरटीआई के साथ 10रू0 का शुल्क के रूप से बैंक ड्राफ्ट अथवा 10 रू0 का पोस्टल आर्डर देना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही पूछे गये प्रश्नों के उत्तर मिलने कि संभावना है ।
आरटीआई मांगने के लिए सरकार द्वारा दो माध्यम बनाए गए हैं- ऑफलाइन एवं ऑनलाइन माध्यम।
दोनो ही माध्यम से हम किसी भी ऐसे विभाग या कार्यालय में जो आरटीआई के दायरे में आता है से प्रश्नों के उत्तर मांग सकेंगे, दोनो माध्यम में से किसी एक माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
ऑफलाइन माध्यम से RTI मांगने हेतु अगर आप किसी वकील के पास जाते है।तो इसके लिए आपको लगभग् 500 से 1000 रुपए देने पड़ते है, साथ ही आरटीआई फीस डीडी अथवा पोस्टल आर्डर फीस के रूप में भी लगाना पड़ता है। इसके बाद ही आपकी आरटीआई प्रार्थना पत्र बनकर तैयार होता है। ऑफलाइन आरटीआई में मुख्य प्रश्नों और जरूरी बातों का विशेष ध्यान रखना होगा, क्योंकि यदि आप इन बातों को ध्यान मे नही रखेंगे, तो भी आपको सही उत्तर नहीं मिल पाएगा ।
इसके अलावा यदि जनसूचना अधिकारी द्वारा दिए गये उत्तर या जानकारी से संतुष्ट नही है तो आप अपील भी कर सकेंगे। जिसका उत्तर अपीलीय अधिकारी द्वारा 120 दिन के भीतर दिया जाएगा ।
आरटीआई RTI मांगते समय क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए।
1. ऑफलाइन आरटीआई प्रार्थना पत्र तैयार करते समय जिस भी विभाग से आप जानकारी चाहते हैं उसका पूरा नाम, पता मालूम होना आवश्यक है, अन्यथा आपको वह आरटीआई प्रार्थना पत्र वापस आ जायेगा।
2. प्रार्थना पत्र तैयार करते समय यह भी ध्यान रखना है, कि जो भी हम जिस विभाग से जानकारी लेना चाहते हैं पूछे जाने वाले प्रश्न पूर्ण रूप से स्पष्ट है कि नही ।
3. यदि आप जिस भी सरकारी विभाग से जानकारी लेना चाहते हैं, उसका पूरा नाम और पता ज्ञात नहीं है, तो आप इंटरनेट की मदद् से संबंधित अधिकारी को खोज कर सही अधिकारी/विभाग का पता भी प्राप्त कर सकते हैं ।
4. ऑफलाइन आरटीआई प्रार्थना पत्र पर यह जरूर अंकित कर दे, कि यदि यह जानकारी या प्रश्न आपके विभाग से संबंधित नही है, तो संबंधित विभाग को प्रेषित करने की कृपा करें। ऑफलाइन आरटीआई में यह अंकित करना न भूलें, नही तो गतल पता बताकर प्रार्थना पत्र वापस लौटाया जा सकता है।
आरटीआई RTI ऑनलाइन कैसे तैयार करे।
आरटीआई RTI Online लेने के लिये ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है। RTI ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किसी भी सांस्था से असानी से कोई भी जानकरी प्राप्त कि जा सकती है।
RTI ऑनलाइन पाने के लिये सबसे पहले मोबाइल नं एवंम् ई-मेल आई के माध्यम से रजिस्टर्ड करना पडेंगा। इसके बाद RTI login करके, जिस विभाग से जानकारी प्राप्त करनी है वह विभाग सेलेक्ट करने के पश्चात् प्रश्न अथवा जानकारी RTI Online Application पूर्ण भरने के पश्चात् शुल्क ऑनलाइन देना पडेंगा, सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही सब्मिट कर पायेगे, तथा आगे का स्टेट्स देख पायेगे कि आपकी आरटीआई मे क्या हुआ है और स्टेटस क्या है ।
इसके अलावा यदि पूछे गये प्रश्नो के उत्तर से संतुष्ट नही होते है तो अपील भी इसी ऑनलाइन पोर्टल से कर सकेंगे। जिसके लिये आपको कोई भी फीस नही देनी होती है । जनसूचना अधिकारी यदि अपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराता है, तो अपील भी कर सकेंगे। जिसे हम RTI First Appeal कहते है जिसे अपीलीय अधिकारी आपको 120 दिन के भीतर उत्तर देगा।इसके बाद आप द्वितीय अपील भी करेंगे अगर सूचना प्राप्त नहीं होती है निर्धारित समय के भीतर ।
सूचना का अधिकार आवेदन पत्र हिन्दी मे (RTI Format in Hindi)
सेवा में,
श्रीमान जनसूचना अधिकारी
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पिन कोड——————–
विषय– RTI Act 2005 के अन्तर्गत सूचना प्राप्ति के लिये आवेदन–
महोदय,
सूचना का अधिकार कानून- 2005 के अंतर्गत नीचे लिखे प्रश्नों का लिखित उतर देने की कृपा करें-
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यदि मेरे व्दारा पूछे गये प्रश्न आपके विभाग से संबंधित नही है, तो संबंधित विभाग को प्रेषित करने की कृपा करें।
मेरे द्वारा मांगी गई जानकारी के लिए शुल्क के रूप में पोस्टल ऑर्डर/ बॅंक ड्राफ्ट का नंबर……….. जारी करने की तारीख………राशि………….संलग्न है।
OR
मैं गरीबी रेखा के अंतर्गत आता हूँ। इसलिए मुझे सूचना का अधिकार लेने के लिए कोई शुल्क नही देना है। इसके लिए अपने गरीबी रेखा का सत्यापित दस्तावेज़ साथ संलग्न कर रहा हूँ। (Note-दोनों में से जो लागू नहीं उसको न लिखें)
प्रार्थी:
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( हस्ताक्षर करें )
फिर अपना पूरा नाम और पता लिखें
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Pin Code————————-
Mobile No ——————–
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