• Disclaimer
  • Privacy Policy
  • About Us
Sunday, August 3, 2025
A2Z KANOON
  • Home
  • Legal News
  • Judgements
  • Legal Formats
  • AIBE Material
    • AIBE Quiz
    • AIBE PREVIOUS YEAR PAPER PDF
    • AIBE Exam Previous Year Solved Question Papers
  • Contact Us
No Result
View All Result
  • Home
  • Legal News
  • Judgements
  • Legal Formats
  • AIBE Material
    • AIBE Quiz
    • AIBE PREVIOUS YEAR PAPER PDF
    • AIBE Exam Previous Year Solved Question Papers
  • Contact Us
No Result
View All Result
A2ZKANOON
No Result
View All Result
Home Legal News

How to stop cybercrime against women

How to stop cyber stalking, cybercrime and violence against women
0
SHARES
0
VIEWS

साइबर स्टॉकिंग, साइबर क्राइम एवं महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, को कैसे रोंकें How to stop cyber stalking, cybercrime and violence against women

जैसा कि हम सब जानते है इंटरनेट हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है आम ज़िंदगी से लेकर कम काज तक सबकुछ धीरे धीरे करके इंटरनेट पर निर्भर हो चुका है परंतु जब इसकी शुरुआत हुयी थी तो यह सोचना भी सम्भव नहीं था कि आने वाले समय में हम सबकी ज़िंदगी से जुड़कर यह इतना बड़ा बदलाव लाएगा और हमारी ज़िंदगी लगभग पूरी तरह इस पर निर्भर हो जाएगी  इसकी शुरुआत भी एक लोकतान्त्रिक एवं  समानता के सिद्धांत के आधार पर सबको समान  प्लेटफार्म देने के वादे के साथ की गयी थी पर जैसे जैसे समाज में यह अपनी पैठ बनता गया इसमें भेदभाव भी पनपने लगे जो अबतक पूरी तरह से अपनी जड़ जमा चुके है एक ओर जहां इंटर्नेट देश के कोनों कोनों में पहुँचकर उन सबकी आवाज़ बन गया है जहां तक न्याय क़ानून जैसे शब्द केवल किताबी बातें ही मानी जाती थी उन तमाम दबी एवं कमजोर लोगों की आवाजों को न्याय व्यवस्था तक पहचाने का माध्यम इंटरनेट ने दिया है, लेकिन यह कहना भी अनुचित नहीं होगा कि जाति, धर्म, लिंग आदि के भेदभावों से इंटरनेट भी अछूता नहीं रह गया  है। इस सन्दर्भ में यदि पितृसत्ता एवं  लैंगिक भेदभाव की तरफ़ आपका ध्यान आकर्षित करें तो कई शोध कहते हैं कि वास्तविक दुनिया की पुरुष प्रधानता इंटरनेट में भी पहुँचकर पूरी तरह से हावी हो चुकी है। या यूँ कह सकते है कि इंटरनेट भी अब एक ‘जेंडर्ड स्पेस’ बन चुका है, सोशल मीडिया पर महिलाएँ बलात्कार की धमकियों, ट्रोलिंग, छेड़छाड़, एवं मिसोजेनिस्ट कमेंट जैसे मुद्दे लगातार  झेल रहीं हैं। कभी अजनबियों के हाथों तो कभी स्वयं के पार्टनर मित्र एवं रिश्तेदारों व सम्बन्धियों के के द्वारा उनके साथ ऐसा सुलूक होना आम बात है।

इस सबके चलते अब यह ज़रुरी हो है कि हम सब साइबर स्पेस में महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराध को समझे और उस पर बनाये गए कानूनों के प्रयोग पर ध्यान दें। यह तभी सम्भव है जब प्रत्येक महिला को उसके परिवार वालों का साथ मिले ।
साइबर स्टॉकिंग
तो आइए सबसे पहले हम बात करते है  साइबर स्टॉकिंग की स्टॉकिंग का  हिंदी में मतलब है ‘पीछा करना’ ।  स्टॉकिंग का मुख्यत: अर्थ है अवांछित रूप से लगातार किसी व्यक्ति से संपर्क करने का प्रयास करना या पीछा करना । जिसका नतीजा यह होता है कि पीड़ित व्यक्ति लगातार ऐसा होने पर भय महसूस करता है। जिसके चलते धीरे धीरे वह घोर मानसिक पीड़ा में चला जाता है क्योंकि वह स्वतंत्रता के साथ सोशल मीडिया पर भी अपने विचार आदि प्रस्तुत करने में खुद को असमर्थ पाता है जिससे पीड़ित पर मानसिक रूप से बहुत  बुरा असर पड़ता है।

Also Read-    अपने ख़िलाफ़ हुई झूठी FIR में अपना बचाव  कैसे करें ? 

स्टॉकिंग के अपराध का सीधा सम्बन्ध उस सामाजिक व्यवस्था से जुड़ा हुआ है जहाँ पुरुषों को ‘न’ स्वीकार करना सिखाया ही नहीं जाता है जिससे  किसी महिला की ‘न’ को उसकी आज़ादी एवं  चुनाव की स्वतंत्रता न मान कर, पुरुषोचित दंभ का मुद्दा मान लिया जाता है। इसका सीधा सम्बन्ध ‘पॉवर एवं  ‘कट्रोल’ से है।जो समरे समाज में सदियों से चले आ रहे पुरुष प्रधान की मानसिकता पर सीधा आघात पहुँचता है स्त्री कि न सुनना उन्होंने सीखा ही नहीं है न देखा है न सुना है, और अब इस बदलवा को देखना सुनना भी नही चाहते है। जिसके चलते महिलाओं को काफ़ी यातना एवं पीड़ा से गुजरना पड़ता है साइबर स्टॉकिंग एवं भारतीय कानून साल 2013 से पहले IPC में स्टॉकिंग पर कोई सीधे कोई प्रावधान नहीं था । परंतु 2013 में संशोधन अधिनियम द्वारा IPC की धारा 354 D को जोड़ा  गया। जस्टिस वर्मा कमेटी द्वारा  2013 में 354 D लाने का सुझाव दिया गया था। कमेटी द्वारा अपनी रिपोर्ट में एक ‘बिल ऑफ़ राइट्स ‘ पेश करते हुए प्रत्येक महिला को ‘राइट टू सिक्योर स्पेस’ की बात कही एवं  कहा कि प्रत्येक महिला को बिना किसी डर  के पब्लिक स्पेस इस्तेमाल करने का पूरा अधिकार है।

आईपीसी की धारा 354 D
(1) ऐसा कोई पुरुष जो- (2) जो कोई किसी स्त्री द्वारा इंटरनेट, ई-मेल या किसी अन्य प्रारूप की इलेक्ट्रॉनिक संसूचना का प्रयोग किये जाने को मॉनिटर करता है, पीछा करता है। इसके बावजूद  इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी अधिनियम 2000 के तहत भी साइबर स्टॉकिंग के कुछ हिस्सों पर नियम मिलते हैं। इस अधिनियम में सीधे तौर पर कोई प्रावधान साइबर स्टॉकिंग की पेशकश नहीं करता है परंतु साइबर स्टॉकिंग के कुछ हिस्सों को इस अधिनियम के तहत जोड़ा जा सकता है।

Also Read –    पति की  सम्पत्ति पर केवल पहली पत्नी को दावा  करने का अधिकार – बॉम्बे हाई कोर्ट

साइबर स्टॉकिंग एवं  प्रावधानों का प्रयोग साइबर स्टॉकिंग का अपराध क्या है?
यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह अभी तक जुडिशल डिस्कोर्स का हिस्सा नहीं बन पाया  है। कोई सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट का फैसला इस मुद्दे पर उपलब्ध नहीं है, शायद इसलिए भी नही है क्यूँकि अभि तक कोई इस मुद्दे को यहाँ तक पहुँचा हाई नही पाया है, क्योंकि कोई भी महिला अपना निर्णय लेने में पूर्ण रूप से सक्षम नहीं होती है उसे अपने हर फ़ैसले में परिवार की अनुमति लेना अनिवार्य होता है और यही वजह है कि कोई परिवार वाले कभी अपनी घर की महिला को इन सब मुद्दों पर चर्चा करने की अनुमति नहीं देते है। साइबर स्टॉकिंग 2-3 अपराधों का मिश्रण हो सकता है। ऐसे में के धारा 354 D के साथ-साथ अन्य धाराएँ भी लागू होंगी?
अ. यदि वह व्यक्ति स्टॉक करने के साथ-साथ लगातार अभद्र सन्देश अभद्र फोटो भेजे तो आईटी एक्ट की धारा 67A के तहत अपराध दर्ज किया जा सकता है। धारा 67A यौन रूप से स्पष्ट सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक साधन द्वारा प्रकाशित या प्रेषित करने पर दंड का प्रावधान भी होता  है। जिसके लिए IPC की धारा 509 को इस सन्दर्भ में इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
ब. यदि वह व्यक्ति स्टॉक करने के साथ-साथ लगातार धमकी भरे सन्देश भेजे तो IPC की धारा 506 का उपयोग किया जा सकता है धारा 506 धमकी देने सम्बंधित अपराध में दंड का प्रावधान रखती  है।
स. यदि वह व्यक्ति उपर्युक्त दोनों ही गतिविधि नहीं करता परन्तु लगातार ‘Hi’, ‘Hello’ या अन्य इसी तरह के सन्देश लगातार भेजता है तो यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है कि धारा 354 D लागू होगी कि नहीं।
क्या लगातार सन्देश भेजना 354 D के तहत ‘मॉनिटरिंग’ में शामिल है?
वर्तमान में  इस मुद्दे पर भी कोर्ट का कोई फैसला उपलब्ध नहीं है। ‘मॉनिटरिंग’ शब्द के शब्दकोश आधारित अर्थ से तो ऐसा नहीं लगता है । जस्टिस वर्मा कमेटी ने धारा 354 D को अलग तरह से ड्राफ्ट किया था। उप-धारा (1) एवं (2) के अलावा एक (3) बिंदु और सुझाव में लाया गया  था।
वह है- 354 D
कोई व्यक्ति नज़र रखता है या जासूसी करता है जिसके परिणामस्वरूप हिंसा का डर या भय की गंभीर चिंता हो या पीड़ित मानसिक तनाव महसूस करे या उसकी मानसिक शांति में बाधा उत्पन्न हो रही हो तो वह व्यक्ति स्टॉकिंग का अपराध करता माना जाता है। अगर यह तीसरी उपधारा भी कानून का हिस्सा होती तो लगातार सन्देश भेजने पर भी स्टॉकिंग का मामला बन सकता था, लेकिन ऐसा नहीं है, इसलिए स्पष्टता की अभी भी कमी है।

ऑनलाइन ट्रोलिंग पर कानून (साइबर क्राइम एवं महिलाओं के विरुद्ध हिंसा-

इस पोस्ट के माध्यम से हम ऑनलाइन ट्रोलिंग एवं उससे सम्बंधित कानून पर चर्चा करेंगे-
ट्रोलिंग’ का सीधे-सीधे शब्दों में अर्थ है किसी व्यक्ति को परेशान करने, खिझाने आदि उद्देश्यों से अपमानजनक सन्देश भेजना। ट्रोलिंग में जाति, लिंग, सेक्सुअल ओरिएंटेशन, धर्म आदि पूर्वाग्रहों के आधार पर व्यक्ति को टारगेट करना आदि शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी ट्रोलिंग की समस्या पर चिंता व्यक्त की है । दरअसल इंटरनेट आपको अपनी पहचान एवं  नाम गुप्त रखने की आज़ादी देता है। जिसका फायदा ट्रोलर्स  उठाते है।

ट्रोलिंग एवं पितृसत्ता जैसा कि हमने पहले चर्चा किया है कि इंटरनेट साफ़ तौर पर एक जेंडर्ड स्पेस बनता जा रहा है। हालाँकि पुरुष, महिला आदि सभी ऑनलाइन ट्रोलिंग झेलते हैं यदि कुछ अनावश्यक टिप्पणी करने की वजह से किसी को ट्रोल किया जाता है तो वह अलग है पर मौजूदा कई शोधों में यह पाया गया है कि महिलाएं अपने जेंडर के आधार पर खास तौर पर टारगेट की जाती रही है। महिलाओं की ऑनलाइन ट्रोलिंग सीधे उस मानसिकता का नतीजा है जो यह कहती है एक महिला कितनी भी पढ़ी लिखी समझदार एवं उच्च पद पर कार्यरत क्यों न हो परंतु सामाजिक नज़रिए से एक ‘अच्छी’ महिला को खुलकर, प्रभावशाली तरीके से नहीं बोलना चाहिए। महिलाओं की आवाज को नियंत्रित करके पुरुष प्रधानता स्थापित करने की सोच का सीधा असर महिलाओं की ऑनलाइन ट्रोलिंग से सम्बन्ध रखता है।

कहाँ करें शिकायत – राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर जाकर आप ऑनलाइन इसकी शिकायत कर सकते है जिसका लिंक ये है – cybercrime.gov.in
अन्य विकल्प –
आप पुलिस हेल्पलाइन नम्बर पर फ़ोन करके शिकायत कर सकते है,
राज्य महिला हेल्पलाइन या अपने यहाँ के महिला थाने में इसकी शिकायत कर सकते है।
अपने राज्य में  बने साइबर सेल में इसकी शिकायत कर सकते है।
महिला आयोग में भी इसकी शिकायत की जा सकती है।

सुझाव – यदि आपके आसपास किसी महिला के साथ कोई दुर्व्यवहार हो रहा हो या किसी भी प्रकार से उसके अधिकारों का हनन किया जा रहा हो या उसे प्रताड़ित किया जा रहा हो तो कृपया उसका सहयोग करें, उसकी हिम्मत बनें आपका एक छोटी सी मदद किसी की ज़िंदगी बदल या बचा सकती है। याद रहे किसी भी अपराध को तभी रोका जा सकता है जब उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठायी जाए, यदि आप ऐसा नहीं करते है तो खुद अपराध को बढ़ावा दे रहें है। ज़रा सोचिए उस अपराधी का अगला शिकार कोई हमारा अपना भी हो सकता है।अपने घर की  महिलाओं को भी इतना हक़ और आज़ादी दें की वह अपने ख़िलाफ़ हो रहे जुर्म को कमसे कम अपने परिवार वालों से साझा कर सकें यदि हम सब हमेशा की तरह महिलाओं को हाई गुनहगार मानते रहेंगे तो वह अपना दर्द अपनी तकलीफ़ कभी हमसे साझा नहीं कर पाएँगी जिससे अपराधी की हिम्मत बढ़ेगी और यह अपराध बढ़ता जाएगा, जिस तरह महिलाओं के साथ अपराध होने में पुरुषों का हाथ है उसी तरह उसे रोकने में भी पुरुषों को अहम भूमिका निभानी होगी। तभी हमारे समाज की महिलाएँ निडर होकर हक़ के साथ सर उठाकर जी पाएँगी।
निष्कर्ष – इस पोस्ट के माध्यम से हमने यह बताने का प्रयास किया है कि  साइबर स्टॉकिंग, साइबर क्राइम के द्वारा महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, क्या है और कैसे होती है तथा इसके हक़ में क्या क़ानूनी अधिकार दिए गये है। आशा करते है आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी।इसी तरह के किसी अन्य मुद्दे पर लेख पाने के लिए आप हमें कॉमेंट या ईमेल पर सम्पर्क कर सकते है।

 धन्यवाद 
द्वारा – रेनू शुक्ला,  अधिवक्ता / समाजसेविका 

For AIBE Exam Question Quiz  Click here- https://a2zkanoon.com/quiz/

For AIBE Exam Paper PDF Click here – https://a2zkanoon.com/free-pdf/

For more legal news please click here – https://a2zkanoon.com/

For Facebook  Page please click here – https://www.facebook.com/a2zkanoon

 

Tags: A2Z bhartiy kanoon newsa2z kanoon .comA2Z lawA2Z LEGAL NEWSadvrenushuklaall about cyber lawcrime against women by cybercrome against womencyber case helpcyber case lawcyber crimecyber crime against womencyber crime controlcyber crime control lawcyber crime how to controlcyber crime latest judjmentcyber crime lawcyber crime law amendmentcyber crime legal newscyber crime protectection lawcyber crime remediesfight against cyber crimeFree legal helpfree legal help for cyber courthow to control cyber crimeIPC 354 DIPC की धारा 506legal gyanlegal helplegal help for cyber lawlegal newsRenu shuklawomen protection lawआईपीसी की धारा 354 Dधारा 67A
Previous Post

How to defend yourself against a false FIR ?

Next Post

How to protect yourself in Section 376 IPC

Renu Shukla

Renu Shukla

Next Post
How to protect yourself in false rape case Section 376 IPC

How to protect yourself in Section 376 IPC

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • October 2023
  • September 2023
  • August 2023
  • October 2022
  • December 2021
  • November 2021
  • February 2021
  • January 2021
  • December 2020
  • November 2020
  • October 2020
  • September 2020
  • August 2020
  • June 2020
  • May 2020
  • February 2020
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • About Us

© 2023 a2zkanoon.in

No Result
View All Result
  • Home
  • Legal News
  • Judgements
  • Legal Formats
  • AIBE Material
    • AIBE Quiz
    • AIBE PREVIOUS YEAR PAPER PDF
    • AIBE Exam Previous Year Solved Question Papers
  • Contact Us

© 2023 a2zkanoon.in