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Repeated sending friend request on Facebook will be 5 years jail / fine

फेसबुक पर महिला को बार-बार फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना क्राइम, होगी 5 साल की जेल
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फेसबुक पर महिला को बार-बार फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना क्राइम होगी 5 साल की जेल / जुर्माना Repeated sending friend request on Facebook will be 5 years jail / fine

यदि कोई पुरुष जो (i) किसी स्त्री का पीछा करेगा या ऐसी स्त्री द्वारा अनिच्छा दर्शाने के बावजूद भी बार बार उसको ब्यक्तिगत बातचीत के लिए प्रयास करेगा या किसी भी माध्यम से सम्पर्क करने का लगातार प्रयत्न करेगा । चाहे वह व्यक्तिगत तौर पर पीछा करे या फ़ोन ईमेल या किसी अन्य इलेक्ट्रोनिक माध्यम से लगातार व्यक्तिगत संपर्क का प्रयास  करना धारा 354A, IPC के तहत एक संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है, जिसके लिए संबंधित व्यक्ति को पाँच साल तक की जेल एवं जुर्माना या दोनो से दंडित किया जा सकता है ।अगर किसी महिला पर जातिगत टिप्पणी की जाए तो SC/ST एक्ट के तहत चार्ज किया जा सकता है।

अगर ट्रोल हत्या करने, बलात्कार करने की धमकी दे रहा है तो धारा 506 के तहत चार्ज किया जा सकता है।
अगर बार-बार, लगातार (उदहारण के तौर पर हर पोस्ट पर) ट्रोल कर रहा है तो धारा 354D के तहत साइबर स्टाकिंग के लिए चार्ज किया जा सकता है।
अगर किसी तरह से लैंगिक आभासी टिप्पणियाँ (sexually coloured remark) कर रहा है तो धारा 354A, IPC के तहत चार्ज किया जा सकता है।
अगर महिला की प्राइवेट सूचनाएँ ऑनलाइन कोई ट्रोल लीक करें तो धारा 509, IPC के तहत चार्ज किया जा सकता है।

फेसबुक पर अगर आपने किसी लड़की को तीसरी बार फ्रेंड रिक्‍वेस्‍ट भेजा तो जेल जाना पड़ सकता है। यूपी पुलिस ने इसे अपराध की श्रेणी में रखा है। डीजीपी के एक सर्कुलर ने सभी जिला पुलिस को सोशल नेटवर्किंग साइट के अपराध पर संजीदा रहने को कहा गया है। इस अपराध के लिए आरोप साबित होने पर पांच लाख रुपए का जुर्माना और तीन साल की सजा का प्रावधान भी है।
अकसर खूबसूरत लड़कियों की तस्‍वीरें देखकर युवक फेसबुक पर फ्रेंड रिक्‍वेस्‍ट भेज देते हैं। नकारने के बावजूद सिलसिला जारी रहता है। यह शौक अब महंगा पड़ेगा। फेसबुक पर तीन बार से ज्‍यादा फ्रेंड रिक्‍वेस्‍ट भेजना अब प्रताड़णा के अंतर्गत आता है। इसकी शिकायत करने पर पुलिस मुकदमा दर्ज करेगी। शिकायत करने वाले को इसके लिए कुछ खास ध्‍यान भी रखना होगा। उसे तमाम फ्रेंड रिक्‍वेस्‍टे के सबूत पेश करने होंगे। यह सबूत डिजिटल माध्‍यम से होगा।
वैसे तो यदि फेसबुक पर कोई अनजान व्यक्ति दोस्ती के लिए आमंत्रण भेजता है तो स्वीकार न करें ।
बार-बार आमंत्रण भेजने वाले की शिकायत करें, यह अपराध की श्रेणी में आता है।  किसी भी अप्रिय घटना को छुपाना नहीं चाहिए।कई बार आधी अधूरी जानकारी भी इस तरह के मामलों के होने का कारण बनती हैं। गोण्डा जिले की रहने वाली 18 वषीर्य नेहा  (बदला हुआ नाम) बताती है, “मेरा फेसबुक पर एकाउंट बना है लेकिन मैं उसमें अपनी फोटो नहीं लगाती क्योंकि मुझे डर रहता है कि कोई सेव करके कुछ उल्टा सीधा न कर दे।” वो आगे कहती है, “एक बार मैनें शुरूआत में बिना जानें एक दो लोगों को अपनी फ़्रेंड

लिस्ट में ऐड  कर में लिया था उन लोगों ने मुझे बहुत परेशान किया। मैसेज और वॉल पर जाकर गंदे मैसेज लिखते थे। मेरी फोटो सेव करके मुझे ही भेजकर उसपर गंदी गंदी गालियां लिखते थे। तबसे मैं बिना जानें किसी अंजान व्यक्ति को नहीं ऐड करती हूँ ।” ऐसे मामलों में शिकायत की प्रक्रिया को आसान बनाने की लगातार कोशिश की जा रही है जिससे लोग ऐसी घटनाओं को छिपाने के बजाय सामने लाएं। लखनऊ के एसपी क्राइम दीपक कुमार बताते हैं, “अगर किसी महिला या लड़की को कोई फेसबुक, ईमेल, टि्वटर के जरिए बार बार परेशान कर रहा हो तो महिला अपने पास के थाने में जाकर इसकी शिकायत कर सकती है।” दीपक कुमार आगे बताते हैं, “अब लगभग हर थाने में साइबर सेल भी है जहां सिर्फ साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतें सुनी जाती हैं।” साइबर क्राइम की दुनिया राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार, देश में वर्ष 2011 में कुल 13,301, वर्ष 2012 में 22,060, वर्ष 2013 में 71,780 साइबर अपराध दर्ज किए गए। वर्ष 2015 में साइबर क्राइम की करीब डेढ़ लाख घटनाएं सामने आईं। ऐसी घटनाओं में ज्यादातर अपराधी युवा थे, जिनकी आयु 18 से 30 साल के बीच थी।  महिला थाने में बने साइबर क्राइम सेल के प्रभारी  का कहना  हैं, “हमारे यहां ऐसे केस आते हैं लेकिन लड़कियों के ऐसे मामले कम आते हैं जबकि हम सबको पता है कि इसकी ज्यादा शिकार वही हैं। कई बार उन्हें ये डर भी होता है कि कहीं उनकी बदनामी न हो जाए क्योंकि आवेदन देने लड़की को स्वयं आना होता है हम तभी कार्रवाई शुरू करते हैं।” राजीव कुमार आगे कहते हैं, “ऐसी छोटी घटनाओं पर जब कोई प्रतिक्रिया नहीं होती तो ये आगे चलकर बड़ी वारदातों में बदल जाती हैं इसलिए उन्हें दबाने के बजाय तुरंत उनकी शिकायत करें।” अगर महिला अपनी पहचान गोपनीय रखकर कार्रवाई चाहती है तो इसके लिए यूपी वीमेन पावरलाइन 1090 पर भी शिकायत दर्ज करा सकती है। 1090 के एडिशनल एसपी  बताते हैं, “1090 पर ऐसी शिकायतें लगातार आती रहती हैं। हम कोशिश करते हैं कि लड़की की गोपनीयता बनी रहे, चिह्नित व्यक्तियों को पहली बार समझाया जाता है अगर उसके बाद भी वो न मानें तो उसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाती है। इसी तरह प्रत्येक राज्य में महिला हेल्पलाइन तथा हेल्पडेस्क बनायी गयी है जहां पर सम्बंधित मामलों की शिकायत एवं सुनवायी की जाती है ।अगर आपको अपने राज्य का महिला हेल्पलाइन या साइबर क्राइम का हेल्पलाइन नम्बर नहीं पता है तो आप गूगल सर्च करके इसे आसानी से प्राप्त कर सकते है ।

महिलाओं से जुड़े साइबर अपराध –
साइबर
स्टाकिंग –– किसी को बार-बार टेक्स्ट मैसेज भेजना, फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना, स्टेटस अपडेट पर नजर रखना और इंटरनेट मॉनिटरिंग इस अपराध की श्रेणी में आते हैं। आईपीसी की धारा 354 डी के तहत यह दंडनीय अपराध है।
साइबर स्पाइंग– आईटी एक्ट की धारा 66 ई के अंतर्गत यह दंडनीय अपराध है, इसमें चेजिंग रूम, लेडीज वॉशरूम, होटल के कमरे और बाथरूम जैसी जगहों पर रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाए जाते हैं। साइबर पॉर्नोग्राफी– इसके तहत महिलाओं के अश्लील फोटो या वीडियो हासिल कर उन्हें ऑनलाइन पोस्ट कर दिया जाता है। अधिकांश मामलों में अपराधी फोटो के साथ छेड़छाड़ करते हैं और बदनाम करने, परेशान और ब्लैकमेल करने के लिए उनका इस्तेमाल करते  है। इस तरह के अपराधों में आईटी एक्ट की धारा 67 और 67ए के अंतर्गत आते हैं।
साइबर बुलिंग-– इसमें साइबर अपराधी पहले महिलाओं या लड़कियों से दोस्ती बनाते हैं और फिर उन्हें विश्वास में लेकर नजदीकियां बढ़ाने के बाद महिला या लड़की के निजी फोटो हासिल कर लेते हैं। इसके बाद पीड़िता से मनचाहे काम करवाने के लिए ब्लैकमेल करते हैं।

आजकल लगभग हर स्कूल  कालेज में छात्रों को सिखाया जा रहा साइबर क्राइम से बचने का तरीका कैसे लगाएं अपने फेसबुक पर प्राइवेसी किसी को भी अपनी पोस्ट देखने से कैसे रोकें:  अंजान लोगों की रिक्वेस्ट रोकें: फेसबुक अन्य सुविधाओं के साथ ही सुरक्षा की सुविधा भी देता है। अगर आपको कोई अनजान व्यक्ति फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है या परेशान करता है तो आप सेटिंग्स ऑप्शन पर क्लिक करें इसके बाद प्राइवेसी शॉर्टकट में ‘हाऊ डू आई स्टॉप’ समवन फ्रॉम बॉदरिंग मी” फिर नीचे दिए गए बॉक्स में जाकर परेशान करने वाले व्यक्ति का नाम या ई-मेल आईडी लिख दें और फिर मोर सेटिंग्स के ऑप्शन पर क्लिक करेंगे। इसके बाद “हु केन कॉन्टेक्ट मी” ऑप्शन पर जाकर एडिट करके हम अपनी फ्रेंड लिस्ट केवल अपने दोस्तों या फिर दोस्तों के दोस्तों तक सीमित कर सकते हैं। अपनी टाइमलाइन से लिंक होने से भी रोक सकते हैं : आप दूसरी सर्च इंजन को अपनी टाइमलाइन से लिंक होने से भी रोक सकते हैं। सेटिंग्स ऑप्शन पर जाकर “हू केन लुक मी अप” पर क्लिक करें। इसके बाद इस सवाल का जवाब “डू यू वॉन्ट अदर सर्च इंजन टू लिंक टू योर टाइमलाइन” “नो” पर क्लिक करें। फोटो प्राइवेसी गार्ड लगाएं–हाल ही में फेसबुक ने नई ट्रिक निकाली है इसमें आपकी फोटो कोई भी सेव नहीं कर सकता। इसके लिए प्रोफाइल फोटो पर एक निशान बनकर आता है उसपर क्लिक करके आप अपनी फोटो पर ये गार्ड लगा सकते हैं।
इंफॉर्मेंशन टेक्‍नोलॉजी एक्‍ट की धारा 66ए के तहत साइबर बुलिंग को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। लेकिन धारा 66A को अब समाप्त किये जाने के कारण एक समस्या उत्पन्न हो गयी है। अब ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत ट्रोलिंग को सीधे तौर पर कवर किया जा सके।अब ट्रोलिंग के कुछ पहलुओं को निम्न लिखित धाराओं में चार्ज किया जा सकता है- (अ) अगर किसी महिला पर जातिगत टिप्पणी की जाए तो SC/ST एक्ट के तहत चार्ज किया जा सकता है। (ब) अगर ट्रोल हत्या करने, बलात्कार करने की धमकी दे रहा है तो धारा 506 के तहत चार्ज किया जा सकता है। (स) अगर बार-बार, लगातार (उदहारण के तौर पर हर पोस्ट पर) ट्रोल कर रहा है तो के तहत साइबर स्टाकिंग के लिए चार्ज किया जा सकता है। (द) अगर किसी तरह से लैंगिक आभासी टिप्पणियाँ (sexually coloured remark) कर रहा है तो धारा 354A, IPC के तहत चार्ज किया जा सकता है। (न) अगर महिला की प्राइवेट सूचनाएँ ऑनलाइन कोई ट्रोल लीक करें तो के तहत चार्ज किया जा सकता है। पर इन सब धाराओं के बावजूद कई बार ट्रोलिंग के हर पहलू को कवर नहीं किया जा सकता. कहाँ करें शिकायत गृह मंत्रालय ने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कावाया है, जहाँ इन मामलों की शिकायत की जा सकते हैं। (देखिये- https://cybercrime.gov.in/ ) आप महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के ईमेल- complaint-mwcd@gov.in पर भी शिकायत कर सकते हैं और निकटतम पुलिस साइबर सेल में भी शिकायत लिखवा सकते हैं। शिकायत करते समय यह ध्यान रखे कि आप भेजे गए मैसेज का स्क्रीन शॉट, व्यक्ति की आईडी आदि का स्क्रीन शॉट सबूत के तौर पर सुरक्षित रखें। आप राष्ट्रीय महिला आयोग के नंबर (0111-23219750) पर भी संपर्क कर सकते हैं।

आशा करते हैं हमारा लेख आपको पसंद आया होगा इस तरह के किसी अन्य मुद्दे पर जानकारी के लिए आप हमें ईमेल या कमेंट करके पूँछ सकते है ।
 धन्यवाद 
द्वारा – रेनू शुक्ला,  अधिवक्ता / समाजसेविका 

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